यूपी एस सी , आओ देखे क्या है ये

मेरा नाम सर्वेश राय है

अभी आज 29 अप्रैल है और समय हो रहा है लगभग 1:18 मिनट रात का वक्त है, मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन एक वीडियो मेरे दिमाग को परेशान कर रहा था, लगातार परेशान कर रहा था काफी देर से उसके बारे मे सोच रहा था क्या सही क्या गलत, बहुत सोच विचार करने के बाद ये समझ आया की जबतक मैं इस बिंदु पे लिख नही लेता मुझे नींद नहीं आनेवाली

तो अब लिखना शुरू कर रहा हु

सबसे पहले मैं यही कहूंगा अपने ऊपर यानी खुद के ही विषय मे
एक टिप्पणी कर रहा हु

ध्यान दीजिएगा ताकी बातो का कोई गलत मतलब न निकाल बैठे

टिप्पड़ी= छोटा मुंह बड़ी बात

जी हा ये मैं इसलिए कह रहा हु क्योंकि मैं जो कुछ लिखता हूं वो सिर्फ मेरा अनुभव है, ऐसा नही है की मैने किताबे नही पढ़ी है लेकिन डिग्री नही है इसलिए ये टिप्पड़ी आवश्यक है।

अब आगे

देखिए जो लोग यूपीएससी की तैयारी करते है वे बहुत महान है, जो लोग इसकी तैयारी करवाते है वो और भी महान है और ये मैं कोई मजाक नही कर रहा हु वे सच में बेहद कमाल के लोग है। मैं तो सायद उनके आगे कुछ भी नही बिलकुल जीरो सुन्य हु बस

लेकिन आज जिन गुरुजी की बात मैने सुनी तो मुझे उसमे कुछ बाते जो है वो धरातल पे खरी उतरती नजर नहीं आई

नाम नही लूंगा किसी का लेकिन

बता रहा हु

जैसे उनकी पहली बात जो मुझे अजीब लगी

की अगर आपको करोड़ पति बनना है या बड़ा आदमी बनना है तो आपके अगल बगल जो चार जिंदा लोग है वो आपको बनाएंगे

मेरा विचार – हम सबसे ताकतवर तब होते है जब हम अकेले होते है, जब लोग हमारा मजाक बनाते हैं या हमे पागल समझते है

क्यों ऐसा

ऐसा इसलिए की जब हम अकेले होंगे तो दिमाग खुद से बाते करना खुद ब खुद शुरू करेगा अगर आप जिंदा इंसान है तो
और जब आप खुद से बाते करना शुरू करेंगे तभी तो खुद की समझ होगी

उदाहरण के तौर पे कहूं तो आप अपना जीवन साथी कैसे चुनते है
उसे सामने से देख कर उसकी पुरानी जिंदगी से जुड़ी कुछ बाते पूछ कर खुद के बारे बता कर यही सब न होता है।

तो जीवन साथी चुनते समय हम इतना कुछ करते है सिर्फ उसे समझने के लिए ही तो करते हैं की पहले से समझ लेंगे तो आगे ज्यादा दिक्कत नही आयेगी

तो खुद के साथ ऐसा क्यों नही करते आप

क्यों आपने ये हक दे दिया है किसी को की वो आपको बताए की क्या करना है कितना करना है, कैसे कर सकते हो,

घरवालों ने समाज वालो ने सबने बोला की यूपीएससी निकाल लो जिंदगी बन जायेगी और आपने मान लिया

एक कोई बड़ा आदमी आया बोला आप बड़ा सोचो बहुत बड़ा आप बड़े आदमी जरूर बनोगे
और वही इंसान फिर बोल दिया की मेहनत करो खूब मेहनत करो तब बड़ा बनोगे

और आपने मान लिया और लगे मेहनत करने बंद कर लिया खुद को कमरे मे दिन रात मेहनत किए जा रहे हो बस

नही भाई ऐसा नही होता है

मैं नही कह रहा हु की आपसे होगा नही या आप कर नही सकते बल्की मैं तो कहूंगा की आप नही कर सकते तो कोई नही कर सकता

लेकिन

ध्यान रहे ये फैसला हो या वो या फिर कोई और वो आपका खुद का होना आवश्यक है।

आगे बढ़ो,कभी न रुको ,निरंतर चलते जाओ, प्रयास करो,

ये सब बहुत अच्छी बात है लेकिन ये तो बताओ कि ये सब किसे पाने के लिए कर रहे हो
और एक आवश्यक बात ये की जो लोग आपको यूपीएससी के लिए तैयार करते है आपसे ये कहते है की कुछ बड़ा सोचो तभी बड़ा आदमी बनोगे तो क्या असल मे बड़े आदमी बनने का मतलब सिर्फ यूपीएससी है
आपको नही लगता की ये भी बात एक तरह से आपकी सोच को बांध रही हैं

देखिए मैं कोई अपमान नही कर रहा हु न तो यूपीएससी का न इनकी तैयारी करवाने वाले किसी भी पूजनीय व्यक्ति का वे सभी ज्ञाता हैं

मैं बस आपको ये बताना चाहूंगा अपने इस ब्लॉग के जरिए की ध्यान दे खुद के उपर
सबसे पहले कुछ भी करना बंद कर के सब कुछ छोड़ कर

हम खुद से मुलाकात कर लेते है और पूछ लेते है की ये सब जो लोग हमे बता रहे है।

क्या सच मे हम इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते अपने जीवन मे, क्या हमारी बहुत बड़ी ऊंची उड़ान जिसकी हम कल्पना करते है वह सिर्फ इतनी ही है,

उदाहरण के लिए – क्या हम अपने नाम के आगे क्रिकेटर, एक्टर या साइंटिस्ट नही लगा सकते

जिसकी बदौलत दुनिया भर में हमे लोग जाने हमे आविस्कार्क कहे

आने वाली पीढ़ी को हमारा नाम हमेशा याद रखना पड़े जैसे ए पी जे अब्दुल कलाम साहब को याद किया जाता है या जान डाल्टन या अल्बर्ट आइंस्टीन

हम रहे न रहे हमारी कीर्ति का वजूद इतना मजबूत हो की किसी के मिटाए न मिटे

जैसे एक और उदाहरण देखिए – न्यूटन का महान वैज्ञानिक भौतिकी के पिता कहलाते है, हर जगह इनका उदाहरण मिलता है।

नोट – कुछ लोग कहते है की हम तो भईया 99% को मानते हैं एक अपवाद होता है
तो जानकारी के लिए बता दू एक और सिर्फ एक ही उदाहरण बनता है बाकी आबादी तो अपवाद है ही पूरी धरती की

मैं कह रहा हु की किसी की बात मत सुनो न तो तुम्हे सिगमा बनने की जरूरत है न किसी से बदला लेने की

तुम्हे अगर सच में आगे बढ़ना है तो कूदना बंद करो पहले

हा एकदम आज आम भाषा मे बोल रहा हु क्योंकि जरूरत इसी की है।

कूदने का मतलब है की सबकी बातो मे आना

जैसे – मैने कहा वैज्ञानिक बनो तुम तैयार होगय अब तो बस यही लक्ष्य है।

अरे नही ऐसा थोड़े होता है यार तुम इंसान हो कोई भेड़ बकरी थोड़े की जिधर को हाक दिए उधर चल पड़ोगे
इंसान बनो कोई कुछ कह रहा है तो सोचो विचार करो
चिंतन करो

आज असफल हुवे हो तो क्या होगया थॉमस अल्वा एडीसन 2700से ज्यादा बार विफल हुवे थे तब जा के विद्युत प्रकाश बल्ब के कार्य सिल डिजाइन तक पहुंचे थे।

अंधा धुन भागना बंद करो अकेले होजाओ कुछ दिन के लिए और सब भूल जाओ

जाओ पहले खुद से मिलो खुद को समझो और खुद से सवाल जवाब कर के तब ये तय करो की असल मे तुम्हारा लक्ष्य क्या है या क्या होना चाहिए

जब एक फैसला कर लो तब सबकी बातो से ध्यान हटा दो जिसे जो कहना है कहता रहे जो समझना है समझे जो मानना है मान ले
रोज उसी लक्ष्य की ओर बढ़ो और पूरी ताकत से बढ़ो

गिर गए , चोट लग गई कोई मलहम लगाने वाला नही मिला तो रोना बंद करो उठो नींद से जागो
याद रखना मां के खोख में, असमसान घाट पे, और राज सिंघासन पर इंसान हमेशा अकेला ही होता है।

और पूरा ब्लॉग पढ़ने के बाद भी कुछ भटक रहे हो तो एक और उदाहरण देखो

नरेंद्र मोदी जी का जो की अपने देश के प्रधान मंत्री है।
इससे भी अधिक पावर इस देश मे है क्या किसी की
उन्हे खुद पर भरोसा था उन्होंने खुद से खुद का लक्ष्य चुना था।
उन्होंने वही छेत्र चुना जो उन्हें सही लगा न की किसी से सलाह ली और न किसी की बातो पर ध्यान देना अनिवार्य समझा

ऐसा नहीं की उनके ऊपर टिप्पणियां नही हुई होंगी लेकिन आज वे विश्व विख्यात हैं।

अंत मे मै यही कहना चाहूंगा कि

ये होता है बड़ा सपना, ये मतलब होता है कुछ बड़ा करने का जीवन मे कुछ कर दिखाने का

समाज को कुछ दे सके इस काबिल सोच आपको सबसे अलग बनाती हैं और सही मायने में एक बड़ी सोच प्रदान करता है।

इस ब्लॉग के जरिए मै किसी की भावनाओं को ठेस नही पहुंचना चाहता
जानकारी के लिए बता दू मे 14 साल की उम्र का था तबसे लगभग 18 साल की उम्र तक मजदूरी भी कर चुका हु

कहने का मतलब सिर्फ इतना है की समाज के हर व्यक्ति का आदर और सम्मान करता है और करने की सलाह देता भी हु

हम मध्यम वर्ग वाले है साहब वक्त से पहले बड़े होजाते है।

फिर भी अगर किसी की भावनाओं को मेरे किसी शब्द से ठेस लगी है तो मैं हाथ जोड़ कर माफी चाहूंगा 🙏❤️🙏❤️

ये माफी का मतलब ये बिलकुल नही है की हमे डर है किसी बात का बल्की ये हमारे माता पिता के और गुरुजी के दिए संस्कार है जो हमे सिख देते हैं की महात्मा गांधी के आदर्श की भी पूजा करो और चंद्र शेखर आजाद साहब को भी याद रखो

उम्मीद है मैं कुछ बेहतर समझा सका आप सभी पाठक गणों को
अब भोर के 3:16 हो चुका है।

जो कुछ भी लिखा है कृपया ध्यान से अवश्य पढ़े

धन्यवाद 🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳जय हिन्द

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